मस्क की कंपनी स्टारलिंक से जिओ-पॉलिटिकल खतरा? आखिर क्यों एक्सपर्ट उठा रहे सवाल

नई दिल्ली : इन दिनों सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा स्टारलिंक चर्चा के केंद्र में है। कुछ दिनों पहले ही टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि सिक्योरिटी नियम मानने के बाद कंपनी को लाइसेंस मिल जाएगा और कंपनी इस प्रक्रिया में है। लेकि

4 1 5
Read Time5 Minute, 17 Second

नई दिल्ली : इन दिनों सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा स्टारलिंक चर्चा के केंद्र में है। कुछ दिनों पहले ही टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि सिक्योरिटी नियम मानने के बाद कंपनी को लाइसेंस मिल जाएगा और कंपनी इस प्रक्रिया में है। लेकिन सवाल कई हैं।, ना सिर्फ थिंक टैंक बल्कि जानकारों ने भी मस्क की कंपनी को लेकर कई सवाल उठाए हैं। क्या हैं वो सवाल और इसे लेकर क्या कहते हैं जानकार, जानने की कोशिश करते हैं।

अमेरिकी इंटेलीजेंस, मिलिट्री संबंध पर सवाल

थिंक टैंक कूटनीति फाउंडेशन का कहना है कि ये ड्यूल यूज वाली टेक्निक है। इसके सबसे बड़े ग्राहक अमेरिकी सरकार के साथ साथ वहां की इंटेलीजेंस और मिलिट्री एजेंसियां हैं। स्पेस एक्स यूएस इंटेलीजेंस एजेंसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट के तहत सैकड़ों जासूसी उपग्रह बना रहा है।

परंपरा तोड़ते हुए नेपाली पीएम भारत की बजाय पहले जा रहे चीन, क्या हैं इसके मायने?
मस्क ने पिछले साल कहा था कि उन्होंने रूसी बेड़े पर अटैक में मदद के लिए अपने स्टारलिंक सैटेलाइट नेटवर्क को एक्टिव करने के यूक्रेन के अनुरोध को खारिज कर दिया था। स्टारलिंक सैटेलाइट संपर्क के इस्तेमाल को लेकर बाइडन प्रशासन और कंपनी के बीच विवाद खड़ा हो गया था। ऐसे में सवाल ये है कि मस्क की कंपनी और अमेरिकी एजेंसी के बीच कॉन्ट्रैक्ट के दावे क्या सुरक्षा से जुड़े अहम सवाल नहीं उठाते हैं?

डेटा जासूसी के खतरे भी बरकरार

साइबर कानूनों के एक्सपर्ट विराग गुप्ता कहते हैं कि कई साल पहले ऑपरेशन प्रिज्म के जरिए अमेरिकी एजेंसी NSA ने इंटरनेट की 9 बड़ी कंपनियाों के डिजिटल डेटा तक पहुंच बना ली थी। इससे एजेंसी के लिए यूजर्स के ई मेल, तस्वीरें वीडियो वगैरह तक पहुंचना काफी आसान हो गया था।

पहले बैंक अकाउंट फ्रीज किया...अब चुनाव प्रचार नहीं करने दे रहे, राहुल का हेलीकॉप्टर रोकने पर कांग्रेस हुई लाल
ऐसे में सवाल सिर्फ निजता के हनन का ही नहीं है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े डेटा का भी है। इसकी वजह है कि अतीत में कैंब्रिज एनालिटिका और पेगासस जैसे मामले अतीत सामने आए ही हैं। स्टारलिंक जैसी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को इंटरमीडिरीज माना जाता है। ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या स्टारलिंक भी इससे जुड़े कानूनों को मानते हुए यहां ग्रीवांसेज अफसर की नियुक्ति करेगा ?


तीसरे देश में बनी तकनीक पर कितना भरोसा ?

टेक एक्सपर्ट कनिष्क गौर का कहना है कि टेलीकॉम भारत में बहुत संवेदनशील क्षेत्र है। भारत ने इस सेक्टर में चीनी कंपनियों को दाखिल होने से रोका है। ऐसे में टेक्नोलॉजी इंटरसेप्टिव ना हो, इसके लिए सुरक्षा क्लीयरेंस बहुत जरूरी है। इसकी वजह है कि कई बार ये ग्लोबल कंपनिया इन सेवाओं से जुड़े उपकरण सस्ती तकनीक की वजह से तीसरे देश से खरीदती हैं। इससे सुरक्षा के सवाल तो खड़े होते ही हैं।

मोदी तारीफ करते हैं तो शरद पवार आलोचना... चुनाव से पहले पीएम को लेकर मराठा क्षत्रप ने कही दिल की बात

अमेरिका से अगर संबंध खराब हुए तो क्या हुआ

जानकारों का कहना है कि मौजूदा वक्त में भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते अच्छे हैं, लेकिन तब क्या जब संबंध इतने सहज नहीं रहेंगे, क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों में उतार चढ़ाव रिश्तों की सच्चाई है। ऐसे में क्या भारतीय रेगुलेटर्स स्टारलिंक के सिस्टम पर निगरानी रख पाएगी, जिससे कि दुरुपयोग ना हो पाए।


नई तकनीक के नए खतरे

कूटनीति फाउंडेशन की रिपोर्ट ये भी कहती है कि स्टारलिंक बहुत साफ तौर पर जियो-पॉलिटिकल कंट्रोल की एक तकनीक है। इसने ब्राजील, यूक्रेन और ईरान जैसे देशों में नियमों और नीतियों को सम्मान नहीं किया है। जाहिर है ऐसे में अगर भारत सरकार ये कह रही है कि लाइसेंस से पहले सुरक्षा के मुद्दे अहम हैं, तो ये कहीं से गलत नहीं है।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Earthquake in Gujarat: गुजरात में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई तीव्रता

एएनआई, अहमदाबाद। गुजरात में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी कि गुजरात के मेहसाणा में आज 22:15 (IST) पर भूकंप आया जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई है। वहीं, भूकंप की वजह से किसी भी तरह के जानमाल की

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now